Thursday, September 19, 2024

हिमालय की चोटी पर स्थित रूपकुंड झील जहाँ पर तैरते हैं सैकड़ों नरकंकाल, छिपे हैं कई रहस्य

हमारे देश में कई सारी ऐसी जगहें हैं जो अपने अंदर कई सारे रहस्य छिपाए बैठी हुई हैं. इन्हीं रहस्यमयी जगहों में से एक है रूपकुंड झील।  उत्तराखंड के चमोली जिले में रूपकुंड झील समुंद्रतल से करीब 16500 फ़ीट ऊँचे हिमालय की एक छोटी सी घाटी में स्थित है. 2 मीटर गहरी इस झील में खोज के दौरान 30 नरकंकाल मिलने से हड़कंप मच गया था. अपनी कई सारी खूबियों के चलते यह झील टूरिस्टों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

तीन कहानियां हैं प्रचलित-

इस जगह पर मिलने वाले नर कंकालों के संबंध में तीन कहानियां प्रचलित हैं. इन तीनों कहानियों में बताया गया है की आखिर नरकंकाल और यहाँ पर मिलने वाले गहने, मांस, बाल और चमड़े की चप्पलें किसकी हैं.

रूपकुंड झील का रहस्य

पहली कहानी-

लोगों द्वारा बताई गई पहली कहानी के अनुसार यह कंकाल कश्मीर के जरनल जोरावर सिंह और उनके सैनिकों के हैं. सन 1841 में जब वो तिब्बत के युद्ध से लौट रहे थे तब यहाँ पर रास्ता भटक गए थे. इसके बाद वहां का मौसम खराब हुआ और भारी ओलों में फंसने की वजह से इन लोगों की मौत हो गई.

दूसरी कहानी-

वही इन नरकंकालों को लेकर एक और कहानी भी प्रचलित है. कहा जाता है की यह नर कंकाल भारत में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे जापानी सैनिकों के हैं. लेकिन बाद में रिसर्च के दौरान सामने आया की यह हड्डियां जापानी नहीं हैं.

रूपकुंड झील का रहस्य

धार्मिक कथा भी प्रचलित-

धार्मिक कहानी के अनुसार कन्नौज के राजा जसधवल अपनी गर्भवती पत्नी रानी बलाम्पा के नंदा देवी के दर्शन के लिए आए थे. इस दौरान राजा ने खूब दिखावा किया। ढोल नगाड़ों का इस्तेमाल किया जबकि ऐसा नहीं करने के लिए कहा गया था. इसके बाद देवी नाराज हो गईं और वहां पर खूब बर्फीला तूफ़ान आया और ओले पड़े. इसके बाद इन लोगों की इसी तूफ़ान की वजह से मौत हो गई.

वही कुछ लोगों का कहना है की ट्रेकिंग करने यहाँ पर एक ग्रुप आया था. तूफ़ान और ओलों में फंसकर यह ग्रुप दब गया और कोई इनकी मदद के लिए नहीं आया. यह कंकाल उनके हो सकते हैं. दरअसल इन कंकालों के सिर में चोट के निशान बने हुए हैं.

रूपकुंड झील का रहस्य

सुलझाई गई गुत्थी-

एक वैज्ञानिक ने गुत्थी सुलझाते हुए कहा की यहाँ मिलने वाले 200 नरकंकाल भारतीय आदवासियों के हैं. यह एक नहीं बल्कि दो समूहों के सदस्य हैं. इसमें से एक समूह में एक परिवार के लोग हैं और दूसरे समूह में दूसरे लोग हैं क्योंकि उनका कद छोटा है. वही वैज्ञानिक ने कहा की इनकी मौत ओलों के गिरने की वजह से हुई है.

जो भी हो यह झील आज भी लोगों को अपनी तरफ खूब आकर्षित करती है.

Ambresh Dwivedi
Ambresh Dwivedi
Writer, news personality
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