आज के इस मॉडर्न दौर में भी अंडरगार्मेंट्स के विषय में बात करना काफी मुश्किल समस्या है। खासकर जब कोई महिला इसके बारे में बात करे तो लोग उसे अजीब सी निगाहों से घूरने लगते हैं। लेकिन वो कहते हैं न कोई काम छओटा या बड़ा नहीं होता, बस उसे करने की चाहत होनी चाहिए। ऐसा ही कुछ जमशेदपुर की रिचा कर नाम की एक महिला उद्यमी ने करके दिखाया है। उन्होंने अपनी मेहनत और विश्वास के दमपर करोंड़ों की कंपनी खड़ी कर डाली है।
आज हम आपको यह बताएंगे कि रिचा ने आखिर यह सब कैसे किया?
बचपन से करना चाहती थीं कुछ बड़ा
बता दें, रिचा कर का जन्म जमशेदपुर के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता टाटा स्टील्स में काम करते थे। वहीं, उनकी माता एक हाउस वाइफ थीँ। रिचा बचपन से ही प्रतिभावान थीं। उनका सपना था कि वे बड़ी होकर कुछ अलग करें। धीरे-धीरे वे बड़ी हुईं और स्कूल की पढ़ाई खत्म करके कॉलेज पहुंची।
रिचा ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया था। इस दौरान उनकी दोस्ती उनके बैचमेट केदार गोविंद से हो गई थी। कुछ ही समय में दोनों काफी क्लोज़ आ गए थे और बाद में उन्होंने शादी कर ली थी।
‘जिवामे’ की शुरुआत Jivame Success Story
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शादी के बाद रिचा अपना बिजनेस करना चाहती थीं। उन्होंने अपने बिजनेस आइडिया के विषय में अपने पति केदार से भी राय-मशवरा किया था। उन्होंने केदार को बताया था कि कैसे महिलाओं को अंडरगार्मेंट्स खरीदने में परेशानी होती है।
केदार को पत्नी का यह आइडिया काफी पसंद आया था। इसके बाद दोनों ने एक कंपनी बनाने का फैसला किया था। उन्होंने सबसे पहले इसके लिए एक वेबसाइट रजिस्टर की थी जिसको आज हम सब ‘ जिवामे ’ के नाम से जानते हैं। इस वेबसाइट के जरिये वे ऑनलाइन के माध्यम से महिलाओं के अंडरगार्मेंट्स बेचती थीं।
मां ने किया था विरोध
एक इंटरव्यू ने रिचा ने बताया था कि उनके लिए यह बिजनेस कर पाना आसान काम नहीं था। सबसे पहले उनका विरोध उनकी मां ने ही किया था। रिचा ने बताया था कि उनकी मां ने तो यहां तक कह दिया था कि वे अपने दोस्तों को क्या बताएंगी कि उनकी बेटी ब्रा और पैंटी बेचती है।
इसके अलावा आस-पास के लोगों को जब उनके इस व्यापार के विषय में पता चला तो उन लोगों ने भी उनका खूब मजाक उड़ाया था। लेकिन रिचा ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने हमेशा अपने लक्ष्य की ओर ध्यान रखा। इसका नतीजा ये रहा कि आज वे 270 करोंड़ की कंपनी की मालिक बन चुकी हैं।
35 लाख में की थी शुरुआत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिचा ने अपनी इस कंपनी की शुरुआत मात्र 35 लाख रुपये में की थी। उन्होंने यह रकम अपने दोस्तों और परिवारवालों से उधार ली थी। लेकिन आज उनकी कंपनी में टाटा, यूनीलेजर वेंचर्स, जोडियस टेक्नोलॉजी फंड और खजानाह नेशनल बेरहद जैसी तमाम बड़े निवेशक निवेश कर रहे हैं.
गौरतलब है, रिचा ने अपने इस कारनामे से एक बात तो साफ कर दी कि कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता। यदि व्यक्ति चाहे तो अपने हालात खुद बदल सकता है।