संजय लीला भंसाली की बिग बजट फ़िल्म की सराहना चारों तरफ हुई थी। पेशवा बाजीराव और मस्तानी के प्यार को दर्शाती इस फ़िल्म के भव्य सेट्स ने दर्शकों का मन मोह लिया था। संजय लीला भंसाली करीबन 10 साल पहले से इस प्रोजेक्ट को बनाने में लगे थे लेकिन वे सफल नही हो पा रहे थे। आखिरकार दीपिका-रणवीर की जोड़ी से उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा किया।
फ़िल्म के लिए एक्टर्स ने कई कलाएं सीखी
फ़िल्म के लिए सभी कलाकारों को कठिन परिश्रम करना पड़ा। प्रियंका चोपड़ा को मराठी सीखने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। दीपिका को एक्शन सीक्वेंस में निखरने के लिए जमकर अभ्यास करना पड़ा और रणवीर सिंह ने तो सर मुड़वाने के साथ पेशवा के किरदार में घुसने के लिए वो सब कुछ किया जो भंसाली ने उनसे करने को कहा।
बाजीराव की माँ बनी थी तन्वी आज़मी
इस फ़िल्म में तन्वी आज़मी ने बाजीराव की माँ राधाबाई की भूमिका में थी। राधाबाई के किरदार के लिए तन्वी आज़मी को सिर मुड़वाना पड़ा था। संजय लीला भंसाली आज इतने सफल इसलिए हैं क्योंकि वे कभी भी फिल्मों में समझौता नही करते। तन्वी आज़मी को फ़िल्म का ऑफर देते वक्त ही उन्होंने बता दिया था कि राधाबाई वही बनेगी जो सच में अपने सर से बाल छिलवा सकें।
उमेश शुक्ला की फ़िल्म को ठुकराया
तन्वी आज़मी ने फ़िल्म में बेजोड़ अभिनय से वाहवाही बटोरी। तन्वी आज़मी को फ़िल्म का किरदार इतना पसंद आया कि उन्होंने संजय भंसाली की सभी शर्तें मान ली। खबरों के अनुसार उन्हें उसी वक़्त उमेश शुक्ला की ‘आल इस वेल’ भी ऑफर हुई थी। वे बाजीराव के लिए बाल त्याग चुकी थी, ऐसे में उन्हें आल इज़ वेल को ना कहना पड़ा। बाद में उस किरदार को सुप्रिया पाठक ने निभाया था। अगर भंसाली की जगह कोई दूसरा निर्देशक होता तो वह तन्वी के सीन प्रोस्थेटिक का उपयोग करके शूट कर लेता।
जब रिपोर्टर ने पूछा कि क्या वे कभी अपना सिर मुड़वाएँगी
एक रिपोर्टर ने प्रियंका को पूछा कि क्या कभी आप अपनी सर मुड़वाएँगी। तब प्रियंका ने कहा था कि फ़िल्म की डिमांड रही तो ज़रूर करवाउंगी। हालाँकी वे मैरीकॉम बायोपिक के कुछ सीन में बिना बालों के दिखी थी। उस सीन के लिए उन्होंने प्रोस्थेटिक्स का प्रयोग किया था। सबकी मेहनत का फल मीठा निकला और बाजीराव मस्तानी सुपर हिट रही। तन्वी आज़मी को बाजीराव मस्तानी के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरुस्कार प्रदान किया गया। भंसाली को इस फ़िल्म के लिए बेस्ट डायरेक्शन का नेशनल अवार्ड भी हासिल हुआ।
तन्वी आज़मी की पिछली फिल्म ‘त्रिभंग’ थी जिसमें उनके साथ काजोल और मिथिला नज़र आई थी। वहीं बात करे उस फिल्म की जिसे तन्वी आज़मी ने रिजेक्ट किया था, तो वह फ़िल्म बॉक्स आफिस में फ्लॉप रही थी। फ़िल्म का विषय अच्छा था लेकिन स्क्रिप्ट में कुछ खामियां थी। समीक्षकों ने मिली जुली प्रतिक्रियाएं दी और दर्शकों को यह फ़िल्म पसंद नही आई।