अभी हाल ही में बिहार के एक प्रोफेसर ( Bihar University Professor ) का मुद्दा खूब चर्चा में रहा । मामला यह था कि मुजफ्फरपुर के नीतीश्वर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ ललन कुमार ने घोषणा की कि वह अपने बीते कुछ साल की सैलरी जो लगभग 23 लाख है उसे लौटा रहे है। इसके पीछे उन्होंने कारण बताया कि पिछले 3 सालों में उन्होंने एक भी क्लास में नही पढ़ाया।
इस खबर के बाद प्रोफेसर ललन कुमार खूब चर्चा में रहे । कई प्रमुख समाचार पत्रों में उनके बारे में खूब छपा , खूब वाहवाही मिली ।
अब कहानी में आया ट्विस्ट
सोशल मीडिया पर प्रोफेसर साहब हीरो बन गए । लोगो ने लिखा कि अगर ऐसे प्रोफेसर हो तो देश बदलने में समय नही लगेगा । उनकी खूब वाह वाही हुई । लेकिन अब इस मामले में एक नया ट्विस्ट आया है।
https://twitter.com/iamnarendranath/status/1545288285269807106?t=22yknT4pyj9dW_ZI6c_H1w&s=19
प्रोफेसर में बैंक एकाउंट में हैं मात्र 970 रुपए
प्रोफेसर ललन कुमार ने कहा था कि वे पिछले 3 साल में वह एक भी छात्र को नहीं पढ़ा सके हैं. इस बात से उन्हें दुख पहुंचा है और वे अपने वेतन में मिले 23.82 लाख रुपये विश्वविद्यालय को लौटा देना चाहते है। लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इसकी हकीकत कुछ और ही सामने आ रही है। दरअसल, प्रभात खबर की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्विद्यालय को 23 लाख रुपये से ज्यादा का वेतन वापस करने का दावा करने वाले प्रोफेसर ललन ने जिस बैंक का चेक यूनिवर्सिटी को दिया था, उसके खाते में सिर्फ 970.95 रुपये ही हैं.
महाविद्यालय ने रखा अपना पक्ष
नीतीश्वर महाविद्यालय शिक्षक संघ, BUTA की बैठक के दौरान प्रोफेसर डॉ ललन कुमार की मौजूदगी में नीतीश्वर महाविद्यालय ने अपना पक्ष रखा. इस संबंध में उन्होंने एक पत्र जारी कर बताया है कि प्रोफेसर ललन कुमार ने मीडिया पर उनके दावे को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है.
प्रोफेसर के अनुसार उन्होंने क्लास में छात्रों की संख्या कम बताई थी ना कि शून्य । मीडिया ने इसे बढ़ा चढ़ाकर पेश कर दिया।
वहीं शिक्षक संघ के सचिव डॉ. रवि रंजन के अनुसार प्रोफेसर ललन कुमार का मुद्दा कक्षा में छात्रों की कम संख्या का नही था बल्कि उनके ट्रांसफर से जुड़ा है. जो प्रोफेसर ललन कुमार इससे पहले भी कई बार बता चुके हैं.
विवाद के बाद प्रोफेसर ने मांगी माफी
कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रोफेसर ललन कुमार ने माफीनामा भेजते हुए इस संबंध में माफी मांग ली है. कुलसचिव को सम्बोधित करते हुए उन्होंने भावनाओं में बहकर ऐसा करना बताया जबकि उनकी मंशा कॉलेज और आरोप लगाने की नही थी