1. बिल्लू (2009)
इरफान और शाहरुख अभिनीत इस फ़िल्म का नाम पहले बिल्लू बारबर था। फ़िल्म की कहानी एक नाई और सुपरस्टार की है इसलिए टाइटल में बारबर जोड़ा गया था। देश के नाइयों (बारबर्स) ने टाइटल पर विरोध जताया तो इसका नाम सिर्फ बिल्लू रख दिया गया। फ़िल्म को प्रियदर्शन ने डायरेक्ट किया था जो एक मलयालम फ़िल्म का रीमेक थी।
2. आर राजकुमार
‘गंदी बात’ गाने के लिए मशहूर इस मसाला फ़िल्म ने शाहिद कपूर को अलग पहचान दिलाई थी। पहले फ़िल्म का नाम रैम्बो राजकुमार के नाम से घोषित किया गया था। लेकिन हॉलीवुड फिल्म ‘रैंबो’ के पास इस नाम का कॉपीराइट होने के कारण रेम्बो हटाकर सिर्फ आर राजकुमार कर दिया गया।
3. रामलीला
संजय भंसाली की फ़िल्म हो और बिना विवादों में घिरे रिलीज हो जाये। ऐसा हो ही नही सकता। फ़िल्म के टाइटल से कई लोग आहत हुए। उनके विरोध पर फ़िल्म का नाम “गोलियों की रासलीला रामलीला” रखना पड़ा।
4. मद्रास कैफे
जॉन अब्राहम की इस फ़िल्म का नाम पहले जाफना था जो श्रीलंका की एक जगह का नाम है। यह फ़िल्म काफी विवादों में रही थी, यहाँ तक कि तमिलनाडु में इसे प्रतिबंध कर दिया गया था। जॉन अब्राहम की इस फ़िल्म में राजीव गाँधी जी की हत्या के विषय में बात हुई थी।
5. जय हो
जब इस फ़िल्म की घोषणा हुई थी तब इसका नाम मेंटल रखा गया था। यह चिरंजीवी की फ़िल्म ‘स्टालिन’ का रीमेक थी। स्टालिन भी एक विदेशी फ़िल्म ‘पेय इट फॉरवर्ड’ पर आधारित थी। फ़िल्म में सलमान का किरदार थोड़ा सनकी होता है इस कारण फ़िल्म का नाम मेंटल रखा गया था लेकिन ‘मेंटल’ शब्द से कुछ लोगों की नाराजगी के बाद इसका नाम ‘जय हो’ रखा गया।
6. पद्मावत
फिर एक बार भंसाली साब की फ़िल्म रिलीज होने जा रही थी। ये वही फ़िल्म थी जिसके सेट पर शूटिंग के दौरान राजस्थान में भंसाली जी को थप्पड़ जड़ा गया था। करणी सेना फ़िल्म के अनाउंसमेंट के समय से ही विरोध प्रदर्शन की तैयार में जुट चुकी थी। फ़िल्म का इतना विरोध हुआ, पोस्टर फाड़ने के साथ सिनेमाघरों में तोड़फोड़ की घटना सामने आई। यहाँ तक स्कूल बस में भी हमले की बात सामने आई और भंसाली, दीपिका के सिर काटकर लाने वालों पर इनाम रखे गए। करणी सेना ने विरोध के माध्यम से फ़िल्म का इतना प्रचार कर दिया था कि सितारों को फ़िल्म प्रोमोट करने के लिए घर से बाहर नही निकलना पड़ा। पहले फ़िल्म का नाम पद्मावती रखा गया था।
7. व्हाई चीट इंडिया
इमरान हाशमी की फ़िल्म आने वाली थी लेकिन बात किसिंग से संबंधित नही थी। बात कुछ और थी। चीट इंडिया टाइटल से देश के प्रति गलत भावनाएं निकल रही थी इसलिए इसके आगे ‘व्हाई’ जोड़ कर रिलीज किया गया।
8. जजमेंटल है क्या
बारी थी कंगना के फ़िल्म की और यहां भी शीर्षक से वही आपत्ति थी जो सलमान की मेंटल से थी। मेंटल है क्या नामक फ़िल्म को ‘जजमेंटल है क्या’ नाम से रिलीज करना पड़ा। इस फ़िल्म में कंगना के साथ राजकुमार राव भी थे।
9. लक्ष्मी
अक्षय कुमार की इस कॉपीड फ़िल्म को पहले लक्ष्मी बॉम्ब नाम से अनाउंस किया गया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि फ़िल्म के फर्स्ट लुक पोस्टर को हल्के में शेयर किया गया था। पोस्टर ऐसा लग रहा था मानो किसी बच्चे ने एडिट किया हो। निर्देशक राघवन लॉरेंस को बिना बताए ये कृत्य किया गया था, वे इतने आहत हुए कि प्रोजेक्ट से दूर होने का निर्णय ले लिया। अक्षय के मानने पर वे वापिस आए।
10. सम्राट पृथ्वीराज
फ़िल्म के निर्देशक डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेद ने इतिहास के साक्ष्यों, साहित्य और कविताओं का जिक्र करते हुए कहा कि हर जगह ‘पृथ्वीराज’ को इसी नाम से पुकारा गया है। इसी कारण उन्होंने फिल्म का नाम पृथ्वीराज रखा है। लेकिन करणी सेना के आगे सबको झुकना पड़ता है और पृथ्वीराज का नाम ‘सम्राट पृथ्वीराज’ रखना पड़ा।इसके साथ ही आयुष शर्मा की फ़िल्म लवयात्री का नाम पहले लवरात्री था। यामी गौतम की ‘टोटल सियापा’ का नाम पहले अमन की आशा रखा गया था। जान्हवी कपूर की फ़िल्म रूही का नाम सबसे पहले रूही आफ़जा रखा गया था।क्या आप जानते हैं अक्षय की सुपरहिट कॉमेडी फ़िल्म ‘हेरा फेरी’ का वर्किंग टाइटल ‘रफ्तार’ रखा गया था। ठीक इसी तरह इम्तियाज अली की ‘जब वी मेट’ का नाम ‘ट्रैन’, तमाशा का नाम ‘विंडो सीट’ और ‘लव आज कल’ का नाम पहले ‘इलास्टिक’ रखने का सोचा गया था। शाहरुख – अनुष्का की ‘रिंग’ को बाद में जब हैरी मेट सेजल नाम से रिलीज किया गया था। यश चोपड़ा ने ‘वीर-ज़ारा’ का नाम पहले ‘ये आ गए हम कहाँ’ रखने का सोचा था। खबरों की माने तो ‘जब तक है जान’ का टाइटल पहले कुछ और था।