FIR, रिपोर्ट और केस दर्ज होना। इन बातों से तो हम आसानी से परिचित हैं लेकिन सालों पहले कैसे FIR दर्ज होती रही यह जानकारी शायद ही आपको हो. आजकल दिल्ली पुलिस द्वारा 161 साल पहले दर्ज की गई एक FIR की कॉपी वायरल सोशल मीडिया में वायरल हो रही है.
कहा जाता है कि साल 1861 में यह एफआईआर उर्दू में लिखी गई थी और यह पहली एफआईआर थी जो दिल्ली की गई थी. सबसे बड़ी बात यह थी की यह एफआईआर एक ऐसे मामले को लेकर दर्ज की गई थी जिसे जानने के बाद आपकी हंसी बंद नहीं होगी। तो आइए जानते हैं सोशल मीडिया में वायरल इस एफआईआर कॉपी का सच.
ये था पूरा मामला
दिल्ली पुलिस द्वारा 18 अक्टूबर 1861 में यह रिपोर्ट दर्ज की गई थी. यह रिपोर्ट कटरा शीशमहल निवासी माईउद्दीन पुत्र मोहम्मद यार खान ने दर्ज करवाई थी. इसमें व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा था कि उसके घर से एक हुक्का, खाना बनाने वाले बर्तन और एक आइसक्रीम चोरी हो गई. इसके बाद उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी थाने में यह शिकायत दर्ज करवाई गई. पुलिस ने उर्दू भाषा में यह शिकायत दर्ज करते हुए
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि थिंक टैंक और स्ट्रैटेजिक कंसल्टेंसी डीपस्ट्रैट के चेयरमैन यशोवर्धन आजाद ने अपने ट्विटर हैंडल में यह एफआईआर की कॉपी शेयर की थी. इसके बाद यह सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने लगी. आजाद ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ‘ दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई पहली प्राथमिकी का 1861 रिकॉर्ड. एक अमूल्य टुकड़ा और एक कीमती जानकारी.’ दोस्तों आज तक यह एफआईआर सुरक्षित रखी गई है और इतिहास के पन्नों में यह दर्ज है.
1861 record of first FIR filed by Delhi police. A priceless piece and a treasured information @CPDelhi pic.twitter.com/m0MRp6Lcpu
— Yashovardhan Jha Azad (@yashoazad) October 22, 2021
सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद इस तस्वीर को लेकर लोगों के तरह तरह के रिएक्शन आने लगे और लोग इसके बारे में बात करते हुए दिखाई दिए. इसके बाद आजाद ने ट्वीट करके सभी को जानकारी देते हुए बताया की आखिर यह चीज क्या है.
इसके बाद कई सारे बड़े लोगों ने इसे अपने ट्विटर पर शेयर किया है. उर्दू में दर्ज की गई यह एफआईआर वाकई अपने आप में एक ऐतिहासिक कार्य है. यह इतिहास के पन्नों का वो दस्तावेज है जो आने वाले समय में लोगों को दिखाया जाएगा। यह हमारी धरोहर को बताती है.
दोस्तों देखा आपने किस तरह से एक आइसक्रीम और कुछ सामान चोरी होने की एफआईआर आज इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई और हर कोई उसकी चर्चा करने लगा. उसी तरह न जाने कब कौन सी बात और चीज ऐतिहासिक हो जाए.