एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 100 में से 80 लोग विटामिन डी की कमी का शिकार है।अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो आपको भी सावधान होने की जरूरत है।
यदि आपकी त्वचा रूखी रहती है और चेहरे पर कील मुंहासे निकलना शुरू हो जाता हैं तो ये भी एक संकेत है जब आपमें इस विटामिन की कमी हो सकती है । जरूरी नही कि हर बार मुहासों के पीछे यही कारण हो, मुंहासे गंदी वायु और प्रदूषण की वजह से भी हो सकते है. ह्रदय संबंधी रोगो के बढ़ने के पीछे भी इसकी कमी एक बड़ा कारण बतायी जा रही है।
क्या आपको पता है
- उत्तर भारत में रहने वाली 69 फीसदी महिलाओं में विटामिन डी की कमी पायी जाती है
- तकरीबन 26 फीसदी महिलाओं में विटामिन –डी पर्याप्त है.
- केवल 5 फीसदी महिलाओं में ही सही मात्रा में विटामिन – डी पाया जाता है.
भारत में हुए एक अध्ययन के मुताबिक मोटापा और डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में विटामिन-डी की कमी अधिक देखी जाती है। बर्निंग माउथ सिंड्रोम विटामीन-डी की ओर इशारा करता है। एम्स, सफदरजंग और फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने मिलकर ये शोध किया है ।
विटामिन डी की कमी का कैसे पता चलता है
हमारी जीभ ना केवल स्वाद का आभास कराती है बल्की सेहत से जुड़े कई राज भी बताती है। जीभ के रंग के आधार पर आप पता लगा सकते हैं कि आपकी सेहत दुरूस्त है या नहीं । इतना ही नही यह विटामिन डी के कम होने को भी दर्शाती है।
कई बार इसकी कमी से जूझ रहे व्यक्ति को स्वाद खराब लगने लगता है , मुँह में ड्राईनेस महसूस हो सकती है। जीभ पर या होठों पर सेंसेशन महसूस होती है। ऐसे में खाना खाते वक्त भी दर्द महसूस हो सकता है। अगर ऐसा कोई लक्षण है तो डॉक्टर की सलाह लेकर विटामिन डी का टेस्ट जरूर कराये।
इसके अलावा कई बार व्यक्ति को शरीर में सूजन आ सकती है , जल्दी थकान होना भी इसकी कमी का एक लक्षण है. धूप न मिलने के कारण शरीर में विटामिन डी बनाने वाला तत्व कोलेस्ट्रॉल में बदल जाता है जिससे ह्रदय संबंधी समस्याएं आ सकती है।
सिर में पसीना आना भी इसका एक लक्षण है। वहीँ छोटे बच्चो में हथेली पर ज्यादा पसीना आ सकता है। विटामिन डी की कमी से अर्थराइटिस भी हो सकता है।
विटामिन डी का मुख्य स्रोत धूप होती है, ऐसे में रोजाना सुबह धूप लें। इससे काफी हद तक विटामिन डी की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है। एक अध्ययन के मुताबिक माउथ बर्निंग को यानि मुंह में जलन की समस्या से पीड़ित लोगो को विटामिन डी की दवा देने से केवल 14 दिनों में इससे राहत मिली है ।
एक दिन में कितना विटामिन डी लेना चाहिए
एक बच्चा जिसकी उम्र एक वर्ष से कम है उसे एक दिन में 400 IU की जरूरत होती है।
किशोरों और 70 वर्ष की आयु तक के लोगों के लिए 600 IU , 71 वर्ष से अधिक के लोगो और महिलाओं के लिए 800 IU की जरूरत होती है
विटामिन डी पर ध्यान देने वाली बात
विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए धूप लेना सबसे कारगार उपाय है। इसके लिए आपको सप्ताह में दो से तीन दिन 10 से 15 मिनट तक धूप को अवशोषित करने की आवश्यकता है। यह आपको गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने और संक्रमण से दूर रखने में कारगार सबित होगी.
क्या खाने से होगी विटामिन डी की पूर्ति
- अंडे का पीला भाग
- मक्खन, पनीर, चीज़
- मछली (टूना, सामन)
- सोयाबीन मिल्क, गाजर, मशरूम, संतरे का जूस,
- विटामिन डी टेबलेट्स, और विटामिन डी का सीरप भी आप ले लकते हैं।
विटामिन डी की कमी का पता करने के लिए 25-हाड्रोओक्सी विटामिन डी सीरम टेस्ट किया जाता है
एक सामान्य आदमी के ब्लड में विटामिन डी का लेवल 30 नैनोग्राम/ मिलीलीटर से 50 नैनोग्राम / मिलीलीटर के बीच हो सकता है यदि आपके खून में 20 नैनोग्राम /मिलीलीटर से कम है तो आप में इसकी बहुत कमी है.
नोट – इस लेख में बताये गए लक्षण व सुझाव सिर्फ आम जानकारी के लिए है , अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह अवश्य ले।