नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव भारत और पाकिस्तान मूल के लोगों के वोट भी बेहद अहम है। ये निर्णायक भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बाइडन के साथ उप राष्ट्रपति की उम्मीदवार कमला हैरिस हैं, जिनकी मॉं भारतीय थीं और पिता जमैकाई हैं। कमला हैरिस लॉ स्कूल से ग्रैजुएट हैं। उन्होंने सैन फ्रांसिस्को की सिटी अटॉर्नी (अधिवक्ता) के तौर पर काम किया है। बड़ी उपलब्धि यह है कि वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल भी रहीं हैं। अमेरिकी कांग्रेस की सिनेट में एक मुखर अश्वेत नेता के रूप में उनकी पहचान है।
कंजर्वेटिव पार्टी कमला की इस ताकत को पहचानती है, तभी उनके ‘ब्लैक’ पर सवाल करती है। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि कमला हैरिस न तो काली हैं और न ही अफ्रीकी मूल की हैं। अमेरिका में अफ्रीकी मूल के लोगों की संख्या बहुत अधिक है। कमला हैरिस अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइन के साथ उप राष्ट्रपति चुन ली गईं तो 2024 के चुनाव में राष्ट्र प्रमुख के पद पर दावेदारी कर सकती हैं।
अमेरिका में अश्वेत मतदाताओं की संख्या करीब 13 प्रतिशत बताई जाती है। बहरहाल, कमला की उपलब्धियां और भी हैं, हम बात कर रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय और पाकिस्तानी लोगों की रुचि की।भारत के साथ रिश्तों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप की मिलीजुली प्रतिक्रिया रही है। अमेरिका में इसी साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी और जो बिडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी की तैयारी चल रही है। दोनों ही पार्टी वहां रहने वाले भारतीय समुदाय को लुभाने में जुटी है।
एनआरसी पर की थी टिप्पणी
भारत में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पर भी उन्होंने सभी के लिए समान मानवाधिकार की बात कही थी। कमला की पार्टी को जल्द इस तरह के बयानों पर सावधान होना पड़ा। अभी इस साल अगस्त में राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडन ने भारतीय और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वर्चुअल प्रोग्राम किए। ट्रंप खेमा भी भारतीयों के मामले में अति सावधानी से काम कर रहा है। ट्रंप विक्ट्री इंडियन अमरीकन फाइनेंस कमेटी का दावा है कि बाइडन के मुकाबले आधे से अधिक भारतीय ट्रंप की ओर जा सकते हैं। ट्रंप के भारतीय समर्थक समझते हैं कि चीन पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका को भारत की जरूरत हमेशा रहेगी।
अमेरिका में 13 लाख भारतीय और 10 लाख पाकिस्तानी
अमेरिका में करीब 10 लाख पाकिस्तानी अमेरिकी नागरिक हैं। आम धारणा यही रही तो अधिकतर पाकिस्तानी अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन और कमला हैरिस को वोट दे सकते हैं। कुछ अमेरिकी पाकिस्तानी राष्ट्रपति चुनाव को भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर मसला और फिलिस्तीन के आधार पर नहीं देखना चाहते। वे ट्रंप को अमेरिकी अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय सम्बंधों के मामले में ट्रंप को बेहतर राष्ट्रपति मानते हैं। जो भी हो, एक बात तय है कि अमेरिका में कुल मतदाताओं के करीब 13 प्रतिशत अश्वेत निर्णायक भूमिका अदा कर सकते हैं। इनमें लगभग 13 लाख भारतीय और 10 लाख पाकिस्तानी मूल के वोटर्स भी हैं।