हर्षद मेहता के ऊपर वेब सीरीज बनाने के बाद अब हंसल मेहता इसका दूसरा सीजन लेकर आ रहे हैं। इस सीजन की कहानी स्टाम्प घोटाले के मास्टरमाइंड अब्दुल करीम तेलगी ( Abdul Kareem Telgi ) पर आधारित है। इस सीरीज में थिएटर कलाकार गगन देव मुख्य किरदार में दिखाई देंगे।
कर्नाटक के खानपुर में वर्ष 1961 में एक रेलवे कर्मचारी के घर जन्मे करीम को पिता के गुजर जाने के बाद बचपन से ही संघर्ष करना पड़ा। पैसे कमाने के लिए रेलवे स्टेशन में फल बेचते थे। जैसे – तैसे इंटरमीडिएट की पढ़ाई सम्पूर्ण करने के बाद दूसरों को सऊदी अरब जाते देख, खुद भी वहाँ जा पहुँचे। वहाँ जाकर पैसा कमाने का नशा सा चढ़ गया।
जालसाजी करियर की शुरुआत
जब अब्दुल करीम तेलगी सात साल बाद सऊदी से लौटा तो सीधे बम्बई आ पहुंचा। उसने न्यू मरीन लाइन्स में सऊदी अरब को जनशक्ति पहुँचाने के लिए ‘अरेबियन मेट्रो ट्रेवल्स’ नाम की कंपनी खोली। वह नकली पासपोर्ट निर्माण करने के फील्ड में उतर आया। इसके साथ ही वह एयरपोर्ट पर मजदूरों को दूसरे देश भेजने के लिए नकली दस्तावेज भी तैयार करता था।
कैसे की नकली स्टाम्प की छपाई
1991 में पुलिस ने अब्दुल करीम तेलगी को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया जहाँ उसे फायदा ही हुआ। उसे वहाँ मालूम हुआ कि हर्षद मेहता घोटाले के बाद से बाजार में स्टैम्प की कमी हो गई है।
करीम ने नासिक की सरकारी टकसाल से पुरानी और खारिज हो चुकी मशीन नीलामी में खरीदी ताकि उससे वह नकली स्टैम्प छाप सके। नासिक के मशीनों से स्टैम्प पर आसानी से सुरक्षा मार्क छप जाते थे।
कैसे किया इतने सालों तक घोटाला ( Stamp Paper Scam )
लाइसेंस प्राप्त होने के बाद अब्दुल करीम तेलगी ने महाराष्ट्र से ही अपने नेटवर्क फैलाने की शुरुआत की जो 16 राज्यों तक फैला। उसने बैंकों, स्टॉक ब्रोकरेज फर्म और बीमा कंपनियों को फर्जी स्टैम्प बेचने शुरू किए।
10 रुपये का स्टाम्प हो या 1000 रुपए का, उसे छापने के लिए प्रक्रिया और तकनीक समान होती है। उसने एक ही मशीन से करोड़ों रुपए मूल्य के स्टैम्प छाप के करोड़ों रुपए कमाए।
उसने 300 एमबीए कर चुके लड़कों को अपनी टीम में शामिल किया और धंधा बढ़ाया। इस सिस्टम में घुसने के लिए वह पैसा और राजनीतिक पॉवर का इस्तेमाल करता था। उसने सरकार और उनके अधिकारियों के साथ सामंजस्य बैठा के रखा था।
करीम की गिरफ्तारी के बाद जांच में कई खुलासे हुए। 9000 रुपए महीना कमाने वाले इंस्पेक्टर दिलीप कामथ के पास 100 करोड़ की प्रॉपर्टी थी। इसी तरह एक अन्य अफसर के पास 50 करोड़ की संपत्ति थी।
जब बार गर्ल पर उड़ा दिए थे करोड़ों
वह अक्सर मुंबई के बार में जाता रहता था। माना जाता है कि मुंबई की फेमस बारगर्ल तरन्नुम खान उसकी माशूका थी। वह बार गर्ल को दूसरों से दूर रखने के लिए लगातार पैसे बरसाता था। एक रात ऐसे ही उसने तरन्नुम के डांस पर 93 लाख उड़ा दिए थे।
देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक
1992 से 2002 के बीच उस पर महाराष्ट्र में 12 और दूसरे राज्यों में 15 केसेस दर्ज थे। जब मामला ज्यादा बढ़ा तो 2001 में उसे अजमेर से अरेस्ट किया गया। उसने 20 हज़ार करोड़ रुपए का घोटाला किया था। अदालत ने उस पर 202 करोड़ का जुर्माना लगाने के साथ 30 वर्ष की सज़ा सुनाई थी।
जेल में मिलता था स्पेशल ट्रीटमेंट
जब 2017 में उसकी मौत हुई तब वह बैंगलोर के सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था। उसे डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या थी। मौत की वजह मल्टीपल ऑर्गन फेलियर बताई गई। एक बार 2017 में बैंगलोर जेल की डीआईजी रूपा ने जेल के भीतर उसके साथ हो रहे स्पेशल ट्रीटमेंट की जानकारी सामने रखकर सबको चौंका दिया था। उसे मसाज के लिए लड़के और अन्य कई सुविधायें मिलती थी।
अब्दुल करीम तेलगी से जुड़े अन्य तथ्य
उस पर एक फ़िल्म 2008 में बनाई गई थी। ‘मुद्रांक’ द स्टैम्प नाम के इस फ़िल्म की रिलीज पर करीम ने रोक लगा दिया था लेकिन यह एमएक्स प्लेयर पर देखी जा सकती है। 31 दिसंबर 2018 में अदालत ने सबूतों के अभाव के चलते इस घोटाले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।