बॉलीवुड के गलियारों में कई सारे ऐसे किस्से हैं जो आज की पीढ़ी नहीं जान पाती है. कई सारे किस्से हैं जो छिपे हुए हैं. एक ऐसा ही छिपा हुआ किस्सा हम आपके बीच लेकर आए हैं. ये बात है साल 1992 की जब अमिताभ और संजय दत्त एक साथ फिल्म की शूटिंग कर रहे थे लेकिन एक धुन को लेकर दोनों के बीच बहस हो गई. बात ऐसी बिगड़ी की संजय दत्त ने फिल्म ही छोड़ दी.
तम्मा-तम्मा और जुम्मा-चुम्मा को लेकर हुई बहस-
यह बात है साल 1992 की जब फिल्म खुदा गवाह की शूटिंग हो रही थी. इसमें अमिताभ बच्चन के साथ संजय दत्त भी थे. अब आप कहेंगे की संजय दत्त तो इस फिल्म में दिखाई नहीं दिए. आगे पढ़ते जाइये पता चलेगा क्यों नहीं दिखे। दरअसल साल 1990 में रिलीज हुई थी संजय दत्त की फिल्म थानेदार। इस फिल्म में एक गाना था जो बहुत वायरल हुआ और उसके बोल थे तम्मा-तम्मा लोगे। और इसके एक साल बाद अमिताभ बच्चन की फिल्म हम रिलीज हुई जिसमें गाना था जुम्मा चुम्मा दे दे. इन दोनों गानों की धुनें लगभग मिलती हैं और इसी बात को लेकर दोनों अभिनेताओं में बहस हो गई थी.
टकरा गया अहंकार-
संजय दत्त के गाने तम्मा तम्मा का संगीत दिया था बापी लाहिरी ने और अमिताभ बच्चन की हम फिल्म का संगीत दिया था लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने. इन दोनों ने धुन ली थी अफ्रीकी गायक मोरे कांते से. यहाँ तक की तम्मा तम्मा के तो शुरुआती शब्द भी इसी गाने से मिला करते थे. कौन सी धुन पहले कॉपी की अमिताभ बच्चन और संजय दत्त के बीच बहस हो गई. दोनों एक साथ खुदा गवाह की शूटिंग कर रहे थे. बहस इस कदर बढ़ी की दोनों का अहंकार टकरा गया और संजय दत्त ने फिल्म छोड़ दी.
नागार्जुन ने की फिल्म-
बीच सेट से संजय दत्त के जाने के बाद अब ये हुआ की फिल्म में किसे लिया जाए. तो निर्देशक मुकुल आनंद ने नागार्जुन का नाम सुझाया जिस पर सभी ने हामी भर दी. इसके बाद संजय दत्त वाला रोल नागार्जुन को मिल गया और इस फिल्म में नागार्जुन को रोल मिला जिसके बाद उनकी पहचान शिवा के रूप में हुई.
बाद में दूसरी वजह बताई-
हालाँकि बाद में जब संजय दत्त के फिल्म छोड़ने को लेकर कई साड़ी बातें होने लगीं तो कुछ और चीजें भी सामने आईं. कहा जाने लगा की खुदा गवाह फिल्म में संजय दत्त का रोल छोटा था जबकि हाल ही में वो थानेदार जैसी हिट फिल्म कर चुके थे. इस वजह से संजय ने फिल्म छोड़ी। वजह चाहे जो भी रही हो दोनों अभिनेताओं का अहंकार जरूर टकरा गया था.