कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार और वीभत्सता की कहानी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बॉलीवुड के मशहूर डॉयरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने एक ऐसी फिल्म तैयार की है जिसने सभी का दिल जीत लिया है। इस फिल्म का नाम द कश्मीर फाइल्स है।
इस फिल्म की कहानी उन घटनाओं से प्रेरित है जो किसी ज़माने में कश्मीर में घटी थीं। जिहाद के नाम पर कट्टरपंथियों ने कैसे कश्मीरी हिंदुओं और खासकर पंडितों को कश्मीर छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर दिया था, इस वीभत्सता का नाट्य रुपांतरण इस फिल्म के जरिये दर्शकों के समक्ष पेश किया गया है।
300 करोंड़ क्लब में शामिल हुई फिल्म
चुनिंदा कॉन्सेप्ट की वजह से इस फिल्म ने बॉक्सऑफिस के ज्यादातर रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं। इस फिल्म ने कमाई के मामले में हिंदी सिनेमा जगत के दिग्गज अभिनेता अक्षय कुमार की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म बच्चन पांडे को भी पछाड़ दिया है।
जानकारी के मुताबिक, विवेक अग्निहोत्री की यह फिल्म बहुत जल्द 300 करोंड़ क्लब में शामिल होने जा रही है।
इस फिल्म में हिंदी सिनेमा जगत के दिग्गज कलाकारों ने अहम किरदार निभाया है। इनमें अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी और प्रकाश बेलावडी जैसे सितारे शामिल हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग से दर्शकों को 3 घंटे तक बांध कर रखा।
फिल्म को किया गया टैक्स फ्री
यही वजह है कि 11 मार्च को रिलीज़ हुई यह फिल्म पर्दे से उतरने का नाम नहीं ले रही है। लोगों में इस फिल्म के प्रति दीवानगी का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुबह 6 से 9 का शो भी हाउसफुल जा रहा है। कई राज्यो में इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है।
अब यह फिल्म पूरे हिंदुस्तान में चर्चा का विषय बनी हुई है। बता दें, इस फिल्म की कहानी होनहार लेखक सौरभ एम पांडे ने लिखी है।
कश्मीर फाइल्स की कहानी के विषय में एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में सौरभ पांडे ने बताया था कि जब वे कश्मीर में हुई हिंसा के पीड़ितों से बात कर रहे थे, इस दौरान उन्होंने जिस वीभत्सता के विषय में सुना उसके बारे में जानकर लेखक का दिमाग पूरी तरह सुन्न पड़ गया था।
‘हमें तो सच बताना था’
सौरभ ने फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने को लेकर कहा था कि,”यह बहुत कठिन था। जब आप इसके बारे में पढ़ते हैं, इसे लगातार सुनते हैं, तो आप इससे प्रभावित होते हैं। जब मैं इस नरसंहार के पीड़ितों का साक्षात्कार कर रहा था, तो मेरे दिमाग सुन्न हो गया। मुझे उन साक्षात्कारों के बाद एक ब्रेक लेना पड़ा। बाद में मैंने काम किया और लिखना जारी रखा। हमारी रिसर्च के दौरान, सबसे कठिन हिस्सा हमने महसूस किया कि फिल्म में क्या दिखाना है और कितना दिखाना है।‘’
लेखक ने आगे कहा था कि, “कहनियां तो बहुत बोली गई थीं, लेकिन हमें सच बताना था”।
सौरभ ने की फिल्म के किरदारों पर बात
इसके अलावा सौरभ ने फिल्म के किरदारों की भी तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि, “हर किसी ने अपने-अपने किरदार को पूरी ईमानदारी से निभाया है। जब मैंने उनकी तरफ देखा, तो मैंने अभिनेता को नहीं देखा। मैंने उन पात्रों को देखा जो वे निभा रहे थे। मैं किसी के प्रदर्शन पर टिप्पणी करने के लिए बहुत छोटा हूं। हालांकि, वह प्रदर्शन जिसे मैं शायद जीवन भर याद रखूंगा वह अनुपम खेर सर का प्रदर्शन है। यह फिल्म में मेरे पसंदीदा पात्रों में से एक था”।