Sunday, October 27, 2024

क्या धरती से मानव सभ्यता खत्म हो जायेगी, सर आइसैक न्यूटन ने दुनिया खत्म हो जाने की कर दी थी भविष्यवाणी

जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु भी तय है,जिसका उदय होता है उसका अस्त होना भी तय है.यही प्रकृति का नियम है,

आप को बता दें पृथ्वी के अंत होने की बातें लगातार हमारे सामने आती रहती हैं, इस पर कई लोगों ने भविष्यवाणी भी हैं, कुछ गलत साबित हुईं तो कुछ  भविष्यवाणी अभी बाकी है. लेकिन ये सच है कि एक न एक दिन धरती से मानव जाति का विनाश हो जाएगा.

इस संसार की रचना कैसे हुई इसका विनाश कैसे होगा इन सब बातों का उल्लेख हमारे पुराणों में भी किया गया है और हमारे वैज्ञानिक भी इसी रिसर्च में लगे हुए हैं, कि क्या एक दिन मानव जाती का अंत हो जायेगा. इस बात का उल्लेख महाभारत में भी किया गया है कि कलयुग में पृथ्वी का अंत होना तय हैं.

न्यूटन ने की थी भविष्यवाणी 

सर आइसैक न्यूटन ने अपने कई लेखन में दुनिया के खत्म हो जाने की बात कही है. उन्होंने साफ़ तौर पर कहा है की अगर साल 2060 तक दुनिया बची रही तो ये साल प्रलय के शुरुआत का साल होगा. साराह ड्राई की बुक ‘द न्यूटन पेपर्स द स्ट्रेंज एंड ट्रू ऑडायसिस ऑफ़ आइसैक न्यूटस मैन्यूस्क्रिप्ट्स में उनकी भविष्यवाणी का जिक्र किया गया है. न्यूटन ने ये भविष्वाणी 1704 में ही कर दी थी.

आज पूरी दुनिया कई तरह की परेशानियो से झूझ रही है कभी बीमारी महामारी बन कर तो कभी प्रकर्ति का कहर शहर के शहर को मलवे में तब्दील कर देता है. अभी हाल में पूरी दुनिया पर कोरोना वायरस ने कहर बरपाया, लग रहा था की अब मानव जाती का अंत करीब है.

क्या धरती से मानव सभ्यता का अंत तय है

न्यूटन ने अपने एक नोट में लिखा था, ‘ अगर इंसान यह सोचता है कि वह हमेशा के लिए ज़िंदा रहेगा तो ऐसा बिलकुल नहीं है जब इंसान धर्म को मानना बंद कर देगा, तभी से उसका अंत होना शुरू हो जायेगा और दुनिया भी एक दिन ख़तम हो जाएगी। दुनिया को लॉ ऑफ ग्रैविटी यानी गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत बताने वाले न्यूटन की ऐसी भविष्यवाणी है जो शायद आज के लोगों के समझ से परे हो. लेकिन इनकी भविष्यवाणी सच हो पाएगी या नही इसके लिए हमे 2060  का इंतजार करना होगा.

हम इंसानो का दिमाग बहुत तेज़ है और कुछ भी जानने की इच्छा शक्ति भी तेज़ और यही वजह है की आज हम विज्ञान में बहुत आगे बढ़ चुके हैं,  और आज हमारे पास नई तकनीक के कई हथियार भी. लेकिन इन सब के बावजूद हमारे ज़हन में यही सवाल घूमता रहता है की क्या मानव सभ्यता का अंत हो जाएगा क्या धरती से मानव जाती का नामोनिशान मिट जायगा? या फिर हम इंसान अपनी नई टेक्नोलॉजी और विज्ञान की मदद से अपनी मोर्डर्न सिविलाइज़ेशन को बचा लेंगे.

 

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