कई बार देखा गया है कि बैंक में आप किसी काम से जाते है और वहां मौजूद कर्मचारी आपका वो काम करने से मना कर देता है. जबकि उस काम को करना उसकी ड्यूटी होती है और आपका अधिकार । लेकिन जानकारी के अभाव में हम बिना विरोध किये वहां से वापस आ जाते है ।
लेकिन आज हम आपको बैंकों के ऐसे नियम बताने जा रहे है. जिन्हें जानने के बाद बैंक कर्मचारी आपके अधिकारों का हनन नहीं कर सकते।
बैंक कर्मचारी नोट एक्सचेंज करने से नहीं कर सकते मना
द बैंकिंग कोड्स एंड स्टैंडर्ड बोर्ड ऑफ इंडिया (बीएसबीआई) की तरफ से ‘कोड ऑफ बैंक्स कमिटमेंट टू कस्टमर्स (सीबीसीसी)’ ग्राहक को ये अधिकार देता है कि वो किसी भी बैंक में जाकर फटे या पुराने नोट बदल सकता है. जिसके बदले उनकी की जिम्मेदारी बनती है कि वो आपके फटे नोट के बदले अच्छी क्वालिटी के नोट दें.
अगर वो ऐसा नहीं करते है तो आप उस ब्रांच के मैनेजर से शिकायत कर सकते है. उसके मना करने पर आप हेड ब्रांच में शिकायत करें.
देना होगा डबल मुआवजा
अगर बैंक आपकी मर्जी के बिना आपका डेबिट या क्रेडिट कार्ड एक्टिवेट कर देते है और आपकी जानकारी के बिना उसका उपयोग हो जाता है. इस स्थिति में सीबीसीसी की तरफ से प्रावधान किया गया है कि आपका जितना पैसा खर्च हुआ है. बैंक उससे डबल राशी का भुगतान करेगी.
लोन केंसल करने पर देना होगा सॉलिड रीजन
अगर कोई बैंक कर्मचारी आपके लोन एप्लीकेशन को अस्वीकार करता है. तो ऐसे में उसे आपके एप्लीकेशन को रिजेक्ट करने का वैलिड रीजन देना होगा. उसके ऐसा न करने पर आप उसकी शिकायत कर सकते है. अगर वो आपसे रिश्वत भी मांगता है तब भी आपको उसकी शिकायत कर देनी है. ऐसे में बैंक उस कर्मचारी पर ठोस ऐक्शन लेगा.
15 दिन में देना होगा क्लेम
अगर किसी खाताधारक की मृत्यु हो जाती है और उसका कोई नॉमिनी भी नहीं है तो ऐसी स्थिति में बैंक उस ग्राहक का पैसा ब्लोक नहीं कर सकता. बल्कि 15 दिन के भीतर बैंक को उस ग्राहक के वैलिड वारिश के कागजात जमा करवाकर क्लेम को सेटल करना होगा. ऐसा न करने पर मृतक का वारिश अधिकारी से इस बात की कम्प्लेंट कर सकता है.
कभी भी कर सकते है विद्ड्रॉअल
अगर आपने किसी भी बैंक से टर्म डिपोजिट की कोई स्कीम ले रखी है और आप समय से पहले अपना पैसा निकालना चाहते है तो बैंक आपको ऐसा करने से रोक नहीं सकता. ऐसा होने पर आप इसकी शिकायत कर सकते है.
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