हाल ही में पुरे 41 साल बाद भारत के महिला और पुरुष हॉकी प्लेयर्स ने ओलम्पिक में मेडल हासिल किया है. जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना मास्टर स्टोर्क खेल दिया है. उन्होंने भारत का नाम ऊँचा करने वाले खिलाड़ियों को दिया जाने वाले खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर अब हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया है. जो पहले राजीव गाँधी के नाम पर दिया जाता था.
ट्वीट कर नरेंद्र मोदी ने की नाम बलदने की घोषणा
शुक्रवार को नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अब से खेल रत्न को मेजर ध्यानचंद के नाम से दिया जाएगा. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, ”देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए. लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है.”
हर साल उत्कृष्ट खिलाडियों को 29 अगस्त (राष्ट्रिय खेल दिवस ) के दिन ये अवार्ड दिया जाता है. जिसके साथ 25 लाख की सम्मान राशी और एक प्रमाण पत्र भी दिया जाता है.
I have been getting many requests from citizens across India to name the Khel Ratna Award after Major Dhyan Chand. I thank them for their views.
Respecting their sentiment, the Khel Ratna Award will hereby be called the Major Dhyan Chand Khel Ratna Award!
Jai Hind! pic.twitter.com/zbStlMNHdq
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
हॉकी के जादूगर मने जाते थे मेजर ध्यानचंद
मेजर ध्यानचंद हॉकी के जादूगर माने जाते थे. उनका हॉकी के लिए जो योगदान रहा है, उसके बराबर शायद ही कोई पहुंच पायेगा. ध्यानचंद ने अपने आखिरी ओलंपिक (बर्लिन 1936) में भारत की तरफ से कुल 13 गोल हासिल किये थे. इस तरह उन्होंने तीन ओलम्पिक एम्स्टर्डम, लॉस एंजेलिस और बर्लिन में कुल 39 गोल हासिल किये थे. जिसके लिए उन्हें स्वर्ण पदक मिला था. जिसके बाद से भारत का कोई खिलाडी हॉकी में फाइनल तक नहीं पहुंच पाया था.
इनके लिए कहा जाता था की एक बार इनकी स्टिक पर बॉल आ गयी तो फिर किसी भी विरोधी के लिए उन्हें गोल करने से रोक पाना मुश्किल हो जाता था.
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