पानी की बात (Paani ki baat)
जल की बर्बादी न आज सिर्फ देश बल्कि पूरे विश्व के लिए बड़ी चुनौती है। जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज जल है जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती ।
पर पिछले कुछ सालों में जल के अंधाधुंध दोहन से जल स्तर लगातार गिर रहा है। और दुनियां के सामने एक बड़ी चुनौती ने जन्म लिया है। अगर इसी प्रकार भूजल दोहन और पानी की बर्बादी होती रही तो वह दिन दूर नही जब पूरा विश्व जल संकट का सामना करेगा ।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में कुछ युवाओं ने मिलकर ” मन की बात ” की तर्ज पर “पानी की बात” मुहिम शुरू की है। ये युवा लंबे समय से जल संरक्षण पर काम कर रहे है ।
ऐसे मिली प्रेरणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “मन की बात” कार्यक्रम युवाओं में बेहद लोकप्रिय है। इन युवाओं ने मोदी जी के मन की बात से प्रेरणा लेकर “पानी की बात” शुरू की है। इनका मानना है कि जैसे मन की बात से प्रधानमंत्री जी आम जनमानस से जुड़े हैं वैसे ही “पानी की बात” के जरिये ये भी आम जनमानस को पानी बचाने के लिये प्रेरित करेंगे। युवाओं की इस मुहिम को जोरदार रेस्पॉन्स भी मिल रहा है । जिस भी गांव में ये युवा जाते है ग्रामीण इनको भरपूर समर्थन देते है।
बनाया एनवायरनमेंट क्लब
मेरठ के इन युवाओं ने जल संरक्षण और पर्यावरण के अन्य मुद्दों को उठाने के लिए एनवायरनमेंट क्लब बनाया है । जिसमे 50 से ज्यादा युवा जुड़ चुके है ।
एनवायरनमेंट क्लब ( Environment Club ) से जुड़े ये युवा गाँवो में जल चौपाल लगाकर ग्रामीणों से जल संवाद करते है और उन्हें पानी की बचत के लिए प्रेरित करते है।
क्लब के संस्थापक सावन कन्नौजिया का कहना है कि हमारी संस्कृति में प्राचीन काल से ही प्रकृति के संरक्षण की रीत है और पानी को बचाने की बातें आज से नहीं कई हजार वर्ष पहले से होती आई हैं।
प्रकृति की अमूल्य देन ‘पानी’ को हम आज इस कद्र बहा रहे हैं, कि हमारे देश के कई बड़े शहरों में जल संकट उभर कर आ रहा है। और कहा कि जल को बचाना अत्यंत आवश्यक है, जल के बिना आने वाले कल की कल्पना नही की जा सकती
जल चौपाल लगाकर करते है “पानी की बात”
टीम के युवा गांव गांव जाकर ग्रामीणों को पानी का महत्व समझाते है । युवाओं की एक टीम जाकड गांव में जल चौपाल का आयोजन करती है। और फिर शुरू होती है “पानी की बात “
हाल ही में इन युवाओं ने मेरठ के एक गांव खड़ौली में जल चौपाल लगायी । जल चौपाल में पानी की बात के दौरान ये युवा ग्रामीणों को बताते है कि किस प्रकार वे अपनी दैनिक गतिविधियों में पानी को बचा सकते हैं। पिछले कुछ सालों में गिरते जल स्तर पर भी किसानों से चर्चा होती है । सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताते है । जल शक्ति द्वारा बनाये गए पेयजल बर्बादी पर 5 साल की सजा के प्रावधान के बारे में भी लोगो को जागरूक करते है।
गौरतलब है कि स्वच्छ पेयजल को बहाते हुए यदि किसी को पकड़ा गया, तो जल शक्ति मंत्रालय की ओर से उसे 5 साल की जेल का प्रावधान भी किया गया है।
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जल संरक्षण की ऑनलाइन शपथ
एनवायरनमेंट क्लब द्वारा संचालित “पानी की बात” मुहिम में जल चौपाल के दौरान ग्रामीणों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई जाती है। जो लोग इस मुहिम से ऑनलाइन जुड़े है वे एनवायरनमेंट क्लब ( Environment Club) की वेबसाइट पर जाकर भी ऑनलाइन शपथ ले सकते है ।
” द पॉपुलर इंडियन ” जल संरक्षण की इस मुहिम से जुड़ा है और मीडिया पार्टनर है | द पापुलर इंडियन इन युवाओं की मुहिम “पानी की बात” की सराहना करता है।
ऑनलाइन शपथ लेने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें –
http://environmentclub.org/paani-ki-baat/
पूरे कार्यक्रम को यूट्यूब पर भी देखा जा सकता है
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