राजस्थान के चुनावों ने जहाँ कांग्रेस के निराश हो चुके खेमो में एक उम्मीद की लौ जिन्दा की है वहीँ गुजरात के चुनाव भी बीजेपी को जनता का मूड बता चुके है कि 2019 की सत्ता की राहे उनके लिए इतनी आसानी नहीं रहेंगी | बीजेपी जहाँ 2019 का चुनाव जीतने के लिए लोकलुभावने वादे कर रही है वहीँ कांग्रेस उनके वादों को जुमलो से जोडकर जुमलो की सरकार बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है
राजनितिक विश्लेषको में अभी से चर्चा हो रही है कि क्या भाजपा 2019 में अपना जलवा बरकरार रख पाएगी या फिर कांग्रेस फिर से सत्ता में वापसी करेगी | ऐसे में उपन्यासकार और स्तंभकार चेतन भगत ने भास्कर में छपे अपने लेख में अपने विचार पेश किये है और कांग्रेस को उपाय बताये है जिनकी बदोलत 2019 में कांग्रेस सत्ता में वापसी कर सकती है |

चेतन भगत के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अगर सचिन पायलट को अपना प्रधानमंत्री पद का उमीदवार घोषित कर दे तो वे उसके लिए काफी अच्छा विकल्प साबित हो सकते है |
उनका मानना है कि कांग्रेस अगर अपनी रणनीति में बदलाव लाये तो कांग्रेस का वापिस सत्ता में लौटना संभव हो सकता है और कांग्रेस को इसे एक अवसर की तरह लेना चाहिए | उनके अनुसार राहुल अच्छे नेता है लेकिन निष्पक्ष मतदाताओं को उनको लेकर कई आपत्तियां है और निष्पक्ष मतदाताओं का यही एक निश्चित प्रतिशत चुनाव में बड़े बदलाव की सम्भावना रखता है
लेखक चेतन भगत ने सचिन पायलट के पक्ष में कई चीजे बताई जिनमे से एक उनका युवा होना और उनका लहजा जोकि प्रभावपूर्ण है , भी है जबकि कांग्रेस के विरोधी पक्ष के पास सचिन जैसा युवा नेतृत्व का अभाव है | इसके अलावा राहुल के मुकाबले सचिन पायलट आम जनता से बेहतर संपर्क स्थापित करने वाले है राजस्थान की जीत उनके लिए 2019 की जमीन तैयार कर सकती है
यहाँ ये भी गौर देने वाली बात है कि 2019 के चुनाव में पहली बार मत देने वाले वोटर भी करीब 10 लाख से अधिक हो सकते है और इनका किसी भी तरफ अचानक पलट जाना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं होता | किसी भी पार्टी के लिए ये वोटर गेम चेजर साबित हो सकते है | कुछ ऐसा ही बीजेपी ने 2014 के चुनाव में पार्टी के अंदर से उठ रहे तमाम विरोधो के बावजूद नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर किया था

उन्होंने सचिन पायलट को राहुल गाँधी के मुकाबले युवा और ज्यादा मजबूत पकड़ वाला नेता बताया है | ताजा चेहरा मतदाताओं के साथ साथ मीडिया , सोशल मीडिया और युवाओं में आसानी से चल जाता है
लेकिन इस सब के लिए चेतन भगत ने अपने इस लेख में राहुल के समर्थन को सबसे जरुरी माना है , उनका मानना है कि इसकी पहल राहुल गाँधी की तरफ से होनी चाहिए और इसमें राहुल ही जनता को सचिन के रूप में एक युवा नेतृत्व देने के पहल करे | और इससे उनकी छवि प्रतिभा का सम्मान करने वाले नेता की बनेगी | एक नेता के तौर पर राहुल और ज्यादा सशक्त होंगे !
सिर्फ भाजपा की आलोचना करना कांग्रेस को उसके अच्छे दिन नहीं लौटा सकता , 2019 में सत्ता में वापसी करने के लिए कांग्रेस को मजबूत रणनीति बनानी हो होगी | उन्हें ये याद रखना चाहिए कि मोदी की छवि अभी भी दागरहित और कठोर निर्णय लेने वाले प्रधानमंत्री की है यदि वाकई मोदी के सामने कड़ी चुनोती खड़ी करने का सवाल है तो ये बदलाव अहम होंगे |
अब सवाल उठता है कि क्या वाकई कांग्रेस और राहुल गाँधी इस बारे में विचार करेंगे और राजनितिक अहम को छोड़ते हुए पार्टी के अंदर उभरते युवा नेता और टैलेंट को आगे बढाने का काम करेंगे ?
अगर राहुल ऐसा कदम उठाते भी है तो ये पहला मौका नहीं होगा जब गाँधी परिवार से इस तरह टैलेंट को मौका देने की बात होगी क्योकि सोनिया गाँधी द्वारा उस समय के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद सौपने से इसकी शुरुआत हो चुकी है और सोनिया की छवि को इससे फायदा ही मिला था | राहुल और सचिन की जोड़ी 2019 में कमाल करने का दम रखती है
अगर बात सचिन पायलट की करे तो निश्चित रूप से वो टैलेंटेड है और पार्टी के युवा नेता है | देश के आबादी में आधे से अधिक युवाओं की संख्या है और वे इनके दिल में जगह बनाने की छमता रखते है |

अपने पिता राजेश पायलट की तरह जमीन से जुड़े नेता माने जाते है और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी अच्छी पकड है | सभी वर्गों में स्वीकार्य है और सबसे बड़ी बात अभी तक उनकी तरफ से कभी किसी पद को लेकर इच्छा जाहिर नहीं की गयी ! कांग्रेस में एक बड़ा वर्ग उनमे एक मजबूत युवा की छवि देखता है ! पिता की राजनितिक विरासत को उन्होंने अच्छे से संभाला है और समय समय पर खुद को साबित भी किया है |
– सुनील नागर